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अमेरिका का एच1बी वीजा से भारत पर वार

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 21 2019 1:32AM | Updated Date: Jun 21 2019 1:32AM
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नई दिल्ली। भारत से अमेरिका  जाने वालों के लिए बुरी खबर है क्योंकि अब अमेरीकी सरकार एच-1 बी वीजा की संख्या सीमित करने पर विचार कर रहा है। अगर ऐसा हो जाता है तो अमरीका का वीजा लेने के लिए भारतीयों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। बता दें कि यह नियम उन देशों पर लागू किया जाएंगे जो विदेशी कंपनियों को अपने यहां डेटा जमा करने के लिए बाध्य करती है। सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि यह बदलाव टैरिफ और ट्रेड वॉर के चलते किया जा रहा है।

वीजा की संख्या की जाएगी सीमित
इस वीजा की संख्या को सीमित करने पर उस समय विचार किया जा रहा है जब अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो जल्द ही भारत यात्रा के लिए आ रहे हैं। उनके भारत दौरे में इस बारे में भी चर्चा हो सकती है आपको बता दें कि अमरीका की कार्रवाई को बदलने की भावना से देखा जा रहा है।
ट्रेड वॉर का भारत पर पड़ रहा असर
अमेरिका  और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर के कारण भारत और अमेरिका  के बीच भी रिश्तों में काफी उतार-चढ़ाव आ गए हैं और इन उतार-चढ़ाव के कारण भारत को भी कई चीजों में काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। रविवार को भारत ने अमेरीकी समानों पर ज्यादा टैक्स लगाने का ऐलान किया है। ये कदम भारत सरकार के द्वारा तब उठाया गया है जब पिछले दिनों अमरीका ने भारत को व्यापार में मिलने वाली कुछ छूटों खत्म कर दिया था।
सीनियर अधिकारी ने दी जानकारी
भारत के सीनियर अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि कोटे के तहत हर साल अब सिर्फ 10-15 फीसदी भारत के लोगों को एच वन बी वीजा दिया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि अमरीका ने वीजा देने की लिमिट तय कर दी है। पहले अमरीका हर साल 85000 लोगों को एच वन बी वीजा देता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। पहले भारत के 70 फीसदी लोगों को यह वीजा दिया जाता था। 
 
क्या होता है एच1बी  वीजा
एच1बी वीजा ऐसे विदेशी प्रोफेशनल्स के लिए जारी किया जाता है, जो किसी 'खास' काम में कुशल होते हैं। इसके लिए आम तौर उच्च शिक्षा की जरूरत होती है। कंपनी में नौकरी करने वालों की तरफ से एच 1 बी वीजा के लिए इमीग्रेशन विभाग में आवेदन करना होता है। ये व्यवस्था 1990 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने शुरू की थी।
 
आईटी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट
एच-1बी वीजा देने की लिमिट 10 फीसदी से 15 फीसदी तक तय करने की खबर के बाद से आईटी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। एक ओर जहां विप्रो के शेयर में चार फीसदी की गिरावट आई, वहीं गुरुवार को टेक महिंद्रा का शेयर 1.5 फीसदी टूटा। इसके साथ ही टीसीएस के शेयर में भी 0.5 फीसदी से लेकर एक फीसदी तक गिरावट आ चुकी है।
 
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