जयपुर। जयपुर से दिल्ली के रास्ते में एक छोटा सा साफ सुथरा रेलवे स्टेशन है गांधीनगर। कहने को तो यह देश के बाकी स्टेशनों जैसा ही है, लेकिन यह दुनिया में अपनी तरह का पहला स्टेशन है। यह मुख्य लाइन का पहला स्टेशन है, जिसे सिर्फ महिलाएं संचालित करती हैं। संयुक्त राष्ट्र ने महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में इसे मील का पत्थर बताया है।
संयुक्त राष्ट्र ने की रेलवे की पहल की तारीफ
टोंक रोड पर जयपुर-दिल्ली लाइन पर स्थित इस स्टेशन से दिनभर में ढेरों ट्रेनें गुजरती हैं। यहां आने-जाने वाले लोग हरी झंडी दिखाने वाले गार्ड से लेकर टिकट चेकर और सफाई कर्मियों के रूप में महिलाओं को देखकर हैरान भी होते हैं और खुश भी। टिकट खिड़कियों पर भी रेलवे की सफेद पोशाक पर गहरे नीले रंग का कोट पहने महिलाएं पूरी मुस्तैदी से अपना काम करते दिखाई देती हैं।
पुरुषों से अच्छा काम
संयुक्तराष्ट्र ने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो के साथ स्टेशन के बारे में विस्तार में लिखा कि यहां 40 से अधिक महिला कर्मचारी हैं, जो कारगर ढंग से ड्यूटी करती हैं। महिलाओं द्वारा कामकाज संभालने के बाद यहां की सफाई बेहतर हुई है। ये फायदा भी हुआ कि यहां बिना टिकट रेल यात्रियों की संख्या कम हुई है।
यह कहा यूएन ने
महिलाओं को पुरुषों से बेहतर कर्मी करार देते हुए यूएन ने कहा, एक ऐसे देश में जहां रोजगार में महिलाओं की भागीदारी मात्र 27 प्रतिशत है, महिलाओं द्वारा ऐसे एक पूरे रेलवे स्टेशन को संभालना अपने आप में मील का पत्थर है। क्या अन्य देश भी इसका अनुसरण करेंगे। उत्तर पश्चिम रेलवे के तहत जयपुर-दिल्ली रेल मार्ग पर गांधीनगर स्टेशन से हर रोज 50 से ज्यादा ट्रेन गुजरती हैं और 7 हजार से ज्यादा यात्रियों की आवाजाही से इस स्टेशन पर रौनक रहती।