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बिजली क्षेत्र के निजीकरण के बिहार सरकार का विरोध सराहनीय : एआईपीईएफ

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 16 2020 3:59PM | Updated Date: Feb 16 2020 3:59PM
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चंडीगढ़। ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने बिहार सरकार के इस रुख की सराहना की है कि बिजली क्षेत्र राज्यों के ही अधीन रहे और यह भी कि वह ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण के पक्ष में नहीं है। एआईईपीईएफ के विनोद गुप्ता ने आज यहां जारी बयान में कहा है कि बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह को 13 फरवरी को इस आशय का पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि प्रदेश की वितरण इकाइयों से बिजली क्षेत्र में सुधार का बिहार का मॉडल देश भर में अपनाया जाना चाहिए।
 
पत्र में यह भी माना गया है कि गया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर जिलों में बिजली वितरण का कार्य फ्रेंचाईजी को देने का प्रयोग पूरी तरह विफल रहा और स्थिति और भी बिगड़ी। तीनों फ्रेंचाईजी संस्थाओं ने एक पैसे का निवेश नहीं किया इसलिए उन्हें निकाल बाहर करना पड़ा।  बिहार के मंत्री ने पत्र में दावा किया है कि प्रदेश ने बिजली क्षेत्र में बेहद सुधार किया है औैर कर्मचारियों की कड़ी मेहनत के कारण लक्ष्य हासिल किये हैं तथा प्रति व्यक्ति खपत, पीक मांग, उपभोक्ताओं की संख्या जैसे सभी पैमानों पर पिछले सात साल में कई गुना वृद्धि हुई है। पारेषण नुकसान 60 फीसदी से घटाकर 29 फीसदी तक लाया गया है।
 
गुप्ता के अनुसार बिजली क्षेत्र के संदर्भ में केंद्र व राज्यों, दोनों को कानून बनाने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि लेकिन केंद्र राज्यों पर मनमाने निर्देशों के पालन का दबाव डाल रहा है, जो राज्य सरकारों और नियामकों की भूमिकाओं व जिम्मेदारियों को बिगाड़ना है। 
 
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