मुंबई। फिल्म निर्देशक विकास बहल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला ने गुरूवार को दायर हलफनामे में कहा कि वह अपने आरोपों पर कायम है लेकिन वह आगे मुकदमा लड़ने की इच्छुक नहीं है। महिला ने शुरुआत में शपथ पत्र दाखिल करने के लिए अपनी अनिच्छा व्यक्त की थी और पिछले हफ्ते एक हस्ताक्षरित वक्तव्य जमा कर दिया था जिसमें कहा गया था कि वह अपने आरोपों पर कायम है, लेकिन इस मामले को आगे नहीं ले जाना चाहती। महिला की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील नवरौज सीरवई ने गुरूवार को न्यायमूर्ति शाहरूख काथावाला को बताया कि अपनी विश्वसनीयता घटने का अहसास होने के बाद वह अपनी जिद से हट गयी है।
न्यायमूर्ति काथावाला बहल द्वारा दाखिल आवेदन की सुनवाई कर रहे हैं जिसमें मांग की गयी है कि उनके पूर्व सहयोगियों और निर्देशक अनुराग कश्यप, विक्रमादित्य मोटवाने और मधु मंटेना को इस मामले के बारे में मीडिया में बोलने या सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से बचने का निर्देश दिया जाए । महिला कर्मचारी ने 2015 में बहल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। बहल ने कश्यप और मोटवाने के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है तथा उनकी प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाने के लिए 10 करोड़ रूपये की क्षतिपूर्ति मांग की है।