मुंबई। भारत के ‘मी टू’ अभियान को अपना समर्थन देते हुए बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन ने कहा कि वह भले ही यौन उत्पीड़न की पीड़ित न रहीं हों, लेकिन महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की असंख्य कहानियां उन्हें गुस्सा दिलाती हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म जगत में वह पेशे संबंधी उत्पीड़न से गुजर चुकी हैं और इसलिए इस कड़वे अनुभव को समझ सकती हैं।
टंडन ने कहा, मेरा कभी भी यौन उत्पीड़न नहीं हुआ, क्योंकि मैं ऐसी नहीं थी कि इसे बर्दाश्त कर लूं। मैं मुंहतोड़ जवाब देती। लेकिन मैं उस सदमे को समझ सकती हूं, जिससे युवा लड़कियों को गुजरना पड़ता है। ऐसे अनुभव सुनना बेहद दुखी एवं निराश करने वाला है। मुझे इस पर गुस्सा आता है।
उन्होंने कहा, मैंने पेशे से संबंधी उत्पीड़न झेला है। मैंने कुछ फिल्में खोई हैं। कुछ महिला पत्रकार थीं जो अपनी पत्रिकाओं एवं समाचारपत्रों में हमारी छवि खराब करती थीं। वे अभिनेताओं की मदद करती थीं। अपने उत्पीड़न के अनुभव के बारे में बात करते हुए टंडन ने कहा कि वह बेहद परेशान करने वाला वक्त था, क्योंकि उनकी छवि खराब कर दी गई थी। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा, किसी अभिनेत्री का जीवन बर्बाद करने के लिए वे मिलकर काम करते हैं।
हाल ही में एक ट्वीट में रवीना ने कहा, कार्यस्थल पर उत्पीड़न को कैसे परिभाषित किया जाता है? यह तथ्य कि उद्योग जगत से जुड़ी हस्तियों की पत्नियां या प्रेमिकाएं इस बात पर चुप रहती हैं, या उकसाती हैं कि उनके अभिनेता पति किसी अभिनेत्री का पीछा करने या उससे प्रेम संबंध खत्म करने के बाद उसका करियर बर्बाद कर देते हैं या किसी दूसरे संभावित लक्ष्य को उनकी जगह ले आते हैं।