मुंबई। अभिनेत्री दिव्या दत्ता ने हाल ही में एक इंटरव्यू दिया है। इस इंटरव्यू में दिव्या दत्ता ने अपनी लाइफ को लेकर कई बड़े खुलासे किए हैं। इंटरव्यू में दिव्या दत्ता ने बताया कि मां की मौत के बाद वह डिप्रेशन में चली गई थीं और उन्हें पैनिक अटैक आने लगे थे। मुंबई मिरर को दिए एक हालिया इंटरव्यू में दिव्या ने उस घटना से जुड़ा अपना दर्द बयां किया। दिव्या से जब पूछा गया कि क्या रिजेक्ट किए जाने के डर की वजह से वह डिप्रेशन का शिकार हुईं, तो उन्होंने कहा, 'मेरा डिप्रेशन में जाना किसी और वजह से था।
जब मेरी मां की मौत हुई तो उस वक्त में डिप्रेशन में चली गई थी। वह मेरी सबकुछ थी। मेरी पर्सनल या प्रफेशनल लाइफ में कुछ भी गलत होता तो वह मेरे सपॉर्ट के लिए हमेशा मौजूद थीं। वह 35 साल की उम्र में विधवा हो गई थीं। एक सिंगल पैरंट के तौर पर उन्होंने मेरी और मेरे भाई की परवरिश की। उन्होंने दोबारा शादी के बारे में भी नहीं सोचा और अपनी दुनिया हम दोनों भाई-बहनों के इर्द-गिर्द ही बुन ली।'
दिव्या ने आगे कहा, 'मां अक्सर कहा करती थीं बेटा तुम एक रिजेक्शन से क्यों डरती हो? तुमने जिंदगी नहीं देखी है। तो जब मेरी की मौत हुई तो मुझे समझ ही नहीं आया कि मैं अपनी लाइफ के साथ कैसे डील करूं। मैंने भी बहुत ज्यादा काम करना शुरू कर दिया ताकि मैं घर वापस ना आऊं। उस एक साल में मैंने जितना काम किया आज तक कभी नहीं किया। हालांकि इसकी वजह से मुझे परेशानी हो गई। इसका मेरे शरीर पर प्रभाव पड़ने लगा क्योंकि मैं अपनी भावनात्मक परेशानियों को सुलझा नहीं पा रही थी।
मुझे पैनिक अटैक आने लगे, घबराहट होने लगी। इस वजह से मैंने दवाइयां लेनी शुरू कर दीं। मेरा दवाइयों को डोज बढ़ता ही चला गया। फिर अचानक मैंने महसूस किया कि मैं क्या कर रही थी? तब मैंने अपनी जिंदगी की रफ्तार को थामा, योग और ब्रीदिंग की। अध्यात्म ने मेरी काफी मदद की। मेरे भाई और उसकी फैमिली ने मेरी काफी मदद की। मैं अभी ठीक हूं लेकिन वह खालीपन आज भी बरकरार है।'