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पुण्यतिथि: महिलाओं को फिल्मों में अभिनय का मार्ग दिखाया दुर्गा खोटे ने

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 21 2019 1:30PM | Updated Date: Sep 21 2019 1:30PM
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मुंबई। भारतीय सिनेमा जगत में दुर्गा खोटे को एक ऐसी अभिनेत्री के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने महिलाओं और युवतियों को फिल्म इंडस्ट्री में काम करने का मार्ग प्रशस्त किया। दुर्गा खोटे जिस समय फिल्मों में आयी उन दिनों फिल्मों में काम करने से पहले पुरष ही स्त्री पात्र का भी अभिनय किया करते थे। दुर्गा खोटे ने फिल्मों में काम करने का फैसला किया और इसके बाद से हीं सम्मानित परिवारों की लड़कियां और महिलायें फिल्मों में काम करने लगी। मुंबई में 14 जनवरी 1905 को जन्मी दुर्गा खोटे ने वर्ष 1931 में प्रदर्शित प्रभात फिल्म कम्पनी की मूक फिल्म ‘फरेबी जाल’ में एक छोटी सी भूमिका से अपने फिल्मी कैरियर की शुरआत की। इसके बाद दुर्गा खोटे ने व्ही शांताराम की मराठी फिल्म ‘अयोध्येचा राजा’ (1932)  में काम किया। इस फिल्म में दुर्गा खोटे ने रानी तारामती की भूमिका निभायी।
 
अयोध्येचा राजा मराठी में बनी पहली सवाक फिल्म थी। इस फिल्म की सफलता के बाद दुर्गा खोटे बतौर अभिनेत्री अपनी पहचान  बनाने में कामयाब हो गयीं। इसके बाद प्रभात फिल्म कंपनी की ही वर्ष 1932 में प्रदर्शित फिल्म माया मछिन्द्र ने दुर्गा खोटे ने एक बहादुर योद्धा की भूमिका निभायी। इसके लिए उन्होंने योद्धा के कपडे पहने. तक पहने और हाथ में तलवार पकड़ी। वर्ष 1934 में कलकत्ता की ईस्ट इंडिया फिल्म कंपनी ने ‘सीता’ फिल्म का निर्माण किया जिसमें दुर्गा खोटे के नायक पृथ्वीराज कपूर थे। देवकी कुमार बोस निर्देशित इस फिल्म में उनके दमदारअभिनय ने उन्हें शीर्ष अभिनेत्रियों की कतार में खडा कर दिया। प्रभात फिल्म कंपनी की वर्ष 1936 में बनी फिल्म ‘अमर ज्योति’ से दुर्गा खोटे को काफी ख्याति मिली।
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