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अर्थपूर्ण फिल्में बनाने में माहिर रहे हैं महेश भट्ट

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 19 2019 12:29PM | Updated Date: Sep 19 2019 12:29PM
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मुंबई। बॉलीवुड में महेश भट्ट को एक ऐसे फिल्मकार के रूप में शुमार किया जाता है जिन्होंने अर्थपूर्ण और सामाजिक फिल्में बनाकर दर्शको को अपना दीवाना बनाया है । महेश भट्ट का जन्म 20 सितंबर 1949 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता नानाभाई भट्ट फिल्म इंडस्ट्री के जाने माने फिल्मकार थे। घर में फिल्मी माहौल रहने के कारण उनका रूझान भी  फिल्मों की ओर हो गया और वह भी निर्देशक बनने का सपना देखने लगे। पढ़ाई पूरी करने के बाद वह निर्माता-निर्देशक राज खोसला के सहायक के तौर पर काम करने लगे। महेश भट्ट ने अपने सिने करियर की शुरूआत वर्ष 1970 में एक डाक्यूमेंट्री फिल्म ..संकट ..से की। इसके बाद उन्होंने बतौर निर्देशक मंजिले और भी है . विश्वासघात . लहू के दो रंग . नया दौर और अभिमन्यु जैसी कई फिल्में निर्देशित की लेकिन इन फिल्मों से उन्हें कोई खास पहचान नहीं मिली । वर्ष 1982 में महेश भट्ट को फिल्म ..अर्थ ..निर्देशित करने का अवसर मिला। फिल्म में स्मिता पाटिल, शबानी आजमी और कुलभूषण खरबंदा ने मुख्य भूमिका निभाई थी।
 
माना जाता है कि इस फिल्म के जरिये महेश भट्ट ने अभिनेत्री परवीन बाबी के साथ अपने रिश्ते को दर्शाया था। फिल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुयी। इसके साथ ही वह समीक्षको का भी दिल जीतने में सफल रहे । वर्ष 1984 में प्रदर्शित फिल्म ..सारांश.. महेश भट्ट के निर्देशन में बनी सुपरहिट फिल्म साबित हुयी।फिल्म में अनुपम खेर और रोहिणी हथगड़ी और सोनी राजदान ने मुख्य भूमिका निभाई थी । फिल्म की बेहतरीन पटकथा के लिये महेश भट्ट मास्को फिल्म फेस्टिबल में पुरस्कार से सम्मानित भी किये गये । वर्ष 1986 में प्रदर्शित फिल्म ..नाम ..महेश भट्ट निर्देशित अहम फिल्मों में शुमार की जाती है। राजेन्द्र कुमार निर्मित इस फिल्म में संजय दत्त और कुमार गौरव ने अहम भूमिका निभाई थी। यूं तो इस फिल्म के लगभग सभी गीत सुपरहिट साबित हुये लेकिन पंकज उधास की मखमली आवाज में ‘चिट्ठी आई है वतन से चिट्ठी आई है’ गीत आज भी श्रोताओं की आंखो को नम कर देता है । वर्ष 1986 से वर्ष 1989 महेश भट्ट के सिने करियर का बुरा वक्त साबित हुआ । इस दौरान उनकी आज .काश .ठिकाना .कब्जा जैसी फिल्में प्रदर्शित हुयी लेकिन ये सभी फिल्में टिकट खिड़की पर बुरी तरह से नकार दी गयीं ।
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