मुंबई। हर किसी के भीतर एक अद्भुत कला छिपी होती है जिसे तराशने पर उसकी कीर्ति चारों तरफ फैलती है। देखा जाए तो जीवन में हर इंसान को संघर्ष के दौर से गुजरना पड़ता है, जो विकट परिस्थितियों का सामना करते हैं वही सफलता के नए आयाम स्थापित करते हैं। ऐसा ही कुछ फिल्म ' ऑन द रैंप नेवर एंडिंग शो ' में देखने को मिलता है। फिल्म देखने के बाद यह भी समझने को मिलता है कि कभी किसी पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए। फिल्म की कहानी में नायक साकेत शर्मा इंटरनेशनल फैशन डिजाइनर है। उसकी विदेशी पार्टनर एंजेलिना उसे पसंद करती है लेकिन उसपर अपना अधिकार रखना चाहती है। साकेत अपनी पहचान बनाना चाहता है और अपने देश भारत की पारंपरिक परिधान को विश्व स्तर तक ले जाने के लिये अलग राह चुनता है। उसकी गर्लफ्रैंड नहीं चाहती कि वह उससे जुदा होकर नाम कमाए और वह उसकी कमाई का हिस्सा भी छीन लेती है।
साकेत दिल्ली आता है जहां उसे कृति मिलती है। कृति भी फैशन डिजाइनर बनना चाहती है इसलिए वह साकेत की सहायक बन जाती है। दिल्ली में दोनों मिलकर छह महत्वकांक्षी लड़कियों को मॉडलिंग के लिये तैयार कर लेते है मगर पैसे के अभाव में मंजिल तक पहुंच पाना असंभव नजर आता है। गैबरियल मोशन पिक्चर्स की प्रस्तुति इस फिल्म के प्रस्तुतकर्ता मनोज शर्मा, निमार्ता राजीव भाटिया और नितिन अरोरा हैं तथा रिलीज की जिम्मेदारी ए जे डिजिटल इंटरटेनमेंट ने उठाई है। फिल्म के निर्देशक इमरान खालिद ने इस फिल्म के जरिये फैशन जगत के साथ साथ एक इंसान के संघर्ष का बढ़िया प्रदर्शन किया है। नीलाभ कौल की सिनेमेटोग्राफी बेहतरीन है।कलाकारों ने अपने किरदार को बखूबी अंजाम दिया है।