भोपाल। राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने कहा है कि चुनाव में डिप्टी कलेक्टर्स की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि जिले का मुखिया तो कलेक्टर होता है, लेकिन फील्ड में डिप्टी कलेक्टर्स को ही समस्याओं से निपटना पड़ता है। सिंह ने प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टर्स के लिये आयोजित निर्वाचन संबंधी प्रशिक्षण में यह बात कही। उन्होंने कहा कि नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन से संबंधित दी जा रही ट्रेनिंग को गंभीरता से ग्रहण करें।
यह ट्रेनिंग शासकीय सेवा में अगले 25 वर्ष तक काम आयेगी। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि सभी डिप्टी कलेक्टर्स क्रिमिनल प्रोसीजर कोड का अध्ययन जरूर करें। उन्होंने कहा कि इससे न्यायालयीन कार्य दक्षता बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि एकेडमी में ट्रेनिंग के लिए इसका मॉड्यूल बनाया गया है। सिंह ने प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग के आई.टी. एप्लीकेशन को ध्यान से समझें, यह बहुत उपयोगी है। उन्होंने कहा कि ईव्हीएम के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें।
उन्होंने बताया कि ईव्हीएम में कोई भी टेंपरिंग होती है, तो वह फैक्ट्री मोड में चली जाती है। इसका अर्थ यह है कि वह फैक्ट्री में ही सुधारी जा सकती है। सिंह ने कहा कि ट्रेनिंग के दौरान किसी विषय पर कोई शंका हो, तो उसका समाधान जरूर करें। प्रशिक्षण में उप सचिव अरूण परमार ने स्थानीय निर्वाचन में राज्य प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका के बारे में बताया। उप सचिव अजीजा सरशार जफर ने आई.टी. में नवाचार और सुतेश शाक्य ने सेंस से संबंधित गतिविधियों की जानकारी दी।