भोपाल। मध्यप्रदेश के रीवा जिले को बाल लिंगानुपात पर नियंत्रण पाने के लिये 7 अगस्त को नईदिल्ली के विज्ञान भवन में सम्मानित किया जायेगा। आधिकारिक जानकारी के अनुसार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना में रीवा जिले ने बाल लिंगानुपात नियंत्रण में अच्छे प्रदर्शन के लिए देश के 10 चयनित जिलों में अव्वल स्थान प्राप्त किया है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जिले में बाल लिंगानुपात 885 था। यह वर्ष 2018-19 में बढ़कर 934 हो गया है।
इसके लिये भारत सरकार के महिला-बाल विकास विभाग द्वारा रीवा जिले को 7 अगस्त को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सम्मानित किया जायेगा। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर चयनित जिलों में मध्यप्रदेश के 6 जिले रीवा, भिंड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया और टीकमगढ़ को शामिल किया गया है। वर्ष 2011 की जनगणना में रीवा जिले में बाल लिंगानुपात 885 था। रीवा को अप्रैल 2016 में इस योजना में शामिल किया गया था, तब बाल लिंगानुपात 919 था, जो वर्ष 2018-19 में बढ़कर 934 हो गया है।
इस योजना में रीवा जिले में विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम किये गये। कम लिंगानुपात वाले ग्रामों का चयन कर वहाँ हर घर दस्तक, शक्ति चौपाल, नुक्कड़ नाटक, कठपुतली शो आदि किये गये। साथ ही ऐसे परिवार, जिनमें कक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त केवल बेटियाँ है, को सम्मानित किया गया।
कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिये कार्यशाला, जागरूकता रैली, मानव श्रंखला, रंगोली प्रतियोगिता, आँगनवाड़ी केन्द्रों में जन्मोत्सव एवं बिटिया उत्सव का आयोजन किया गया। महिला-बाल विकास विभाग द्वारा जिला एवं परियोजना स्तर पर विद्यालयों और महाविद्यालयों में कार्यशाला की गई। अस्पतालों में नवजात बालिकाओं और उनके परिजनों का स्वागत किया गया।