29 Mar 2024, 15:02:09 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
State » Madhya Pradesh

कमलनाथ : फटकार के बाद सक्रिय नजर आने की कोशिश में हैं ऊर्जा विभाग

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 7 2019 8:09PM | Updated Date: Jun 7 2019 8:09PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

भोपाल। मध्यप्रदेश में 'सरप्लस' बिजली होने के बावजूद राजधानी भोपाल समेत अनेक स्थानों पर बिजली की घोषित और अघोषित कटौती की घटनाओं के बीच आज ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव आई सी पी केशरी ने आज कहा कि बिजली वितरण की व्यवस्था तभी सुचारू और पुख्ता मानी जा सकती है, जब अमला बिजली आपूर्ति को लेकर 24 घंटे सजग रहे। केशरी ने यहां मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन ट्रेंनिग सेंटर में बिजली संबंधी एक कार्यशाला को संबोधित किया।
 
केशरी ने कहा कि निर्बाध विद्युत आपूर्ति राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस अवसर पर ऊर्जा विभाग और संबंधित बिजली कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार केशरी ने सभी अधिकारियों कर्मचारियों से कहा कि वे मुख्य महाप्रबंधक से लेकर जूनियर इंजीनियर तक किसी को भी उनके मोबाइल फोन पर किसी भी वक्त अज्ञात नंबर से फोन कर सकते हैं। यदि फोन नहीं उठा, तो संबंधित के विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। केशरी ने कहा कि अधिकारी कर्मचारी उपभोक्ताओं के प्रति संवेदनशील बनें और उनके प्रति बेहतर व्यवहार रखें।
 
केशरी ने कहा कि विद्युत वितरण व्यवस्था में मीटंरिग, बिंलिग और कलेक्शन को नियमों के अनुसार ही प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जाना चाहिए। हर उपभोक्ता के घर मीटर लगा हो, उसकी रींडिंग हो और देयक नियत तिथि से पहले पहुँचे। उन्होंने कहा कि बिंलिग चक्र की समीक्षा की जाये। दरअसल राज्य में कांग्रेस सरकार आने के बाद अनेक बार बिजली की घोषित और अघोषित कटौती की सूचनाएं आ रही हैं। इन दिनों भीषण गर्मी और पेयजल संकट के बीच भी बिजली की कटौती पूरी तरह बंद नहीं हो पाई है। इसके चलते मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को यहां ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक ली थी, जिसमें केशरी समेत तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
 
समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य में सरप्लस बिजली है और कटौती नहीं हो रही है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने बैठक स्थल से ही अनेक जनप्रतिनिधियों को फोन लगाए और स्पीकर में बात करके बिजली की वास्तविक स्थिति से अधिकारियों को अवगत कराया। जनप्रतिनिधियों ने बताया कि उनके इलाके में घोषित और अघोषित बिजली कटौती जारी है। इसके बाद कमलनाथ ने सख्त लहजे में अधिकारियों से कहा था कि बिजली की सतत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए और इसके परिणाम शीघ्र ही नजर आने चाहिए। इसके बाद से ही ऊर्जा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अपना श्रेष्ठ से श्रेष्ठ करने के प्रयास में हैं। 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »