भोपाल। मध्यप्रदेश में लोक सेवा आयोग के माध्यम से ली गई परीक्षा में चयन के बाद भी तीन नए चयनित उम्मीदवारों को उप पुलिस अधीक्षक की सेवा नहीं मिल पा रही है। परीक्षा में चयन के दो साल बाद भी इन उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं दी गई है। लगभग एक वर्ष से लोक सेवा आयोग (पीएससी), सामान्य प्रशासन और गृह विभाग के बीच में पत्राचार की ही बात कही जा रही है। सूत्रों के अनुसार एमपी पीएससी ने 2014 में राज्य पुलिस सेवा (डीएसपी) के 56 पदों की लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की थी।
पीएससी ने इसकी मेरिट सूची (मुख्य और अनुपूरक) अप्रैल 2016 में जारी की। गृह विभाग को यह सूची 13 दिसंबर 2016 को प्राप्त हुई। इसके बाद चयनित उम्मीदवारों के दस्तावेजों का सत्यापन और फिजिकल वेरिफिकेशन चला। सफल उम्मीदवारों में से तीन ने ज्वाइन नहीं किया। उनका चयन राज्य प्रशासनिक सेवा (एसएएस) और केंद्रीय सेवा (रेलवे) में हो गया। इनके स्थान पर वेंटिग लिस्ट (अनुपूरक) से तीन अन्य परीक्षार्थियों विशाल सोनी, राहुल वासनिक और शिखा भलावी का चयन किया गया।
पीएससी द्वारा प्रतीक्षा सूची से नाम गृह विभाग को भेजे गए जिसके बाद इनका सत्यापन भी हो गया, लेकिन इनका मामला अभी आगे नहीं बढ़ सका है। प्रमुख सचिव, गृह मलय श्रीवास्तव के अनुसार उप पुलिस अधीक्षक के तीन पदों के लिए गृह विभाग प्रयासरत है। पीएससी तथा सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखा जा रहा है। पीएससी सचिव रेणु पंत ने कहा कि आयोग का काम विभागों के लिए उनके नियम शर्तों के मुताविक परीक्षा लेकर मेरिट सूची जारी करना है। पीएससी ने उप पुलिस अधीक्षकों की सूची जारी कर दी है। अब तीनों का मामला सामान्य प्रशासन और गृह विभाग को समझना होगा।