भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को नई दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी एवं एके अंटोनी तथा अहमद पटेल से मुलाकात की। मुख्यमंत्री की पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात के बाद प्रदेश के मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद तेज हो गई है। पार्टी सूत्रों की मानें तो 22 या 23 दिसंबर को मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने साथी 24 विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह देते हुए शपथ दिला सकते हैं। हलांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रिमंडल विस्तार का अपना फार्मूला तैयार कर लिया है। जानकारी के अनुसार प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल 24 से 30 दिसंबर तक प्रदेश से बाहर जा रही हैं।
राज्यपाल के बाहर जाने से पहले ही सरकार यह शपथ ग्रहण कराना चाहती हैं। गुरुवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से शाम को हुई मुलाकात से कमलनाथ मंत्रिमंडल को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर है। क्षेत्रीय और जातीय संतुलन के मद्देनजर नवनिर्वाचित विधायकों ने अपने-अपने स्तर पर प्रयास तेज कर दिए हैं। निर्दलीय विधायकों को कांग्रेस विधायक दल से अलग रखते हुए मंत्रिमंडल में स्थान दिए जाने के संकेत हैं और उन्हें न किसी क्षेत्रीय संतुलन में जोड़ा जाएगा और न ही जातीय समीकरण के हिसाब से मंत्रिमंडल में स्थान दिया जाएगा। बुरहानपुर के ठाकुर सुरेंद्र सिंह और वारासिवनी के प्रदीप जायसवाल को मंत्रिमंडल में स्थान मिलने की पूरी संभावना है।
अनुभव और संतुलन को दी तरजीह
कमलनाथ मंत्रिमंडल में आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर क्षेत्रीय संतुलन के साथ जातीय, अनुभव व युवाओं के प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखा जाएगा। कमलनाथ को प्रदेश के दिग्गजों के समर्थक विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने की चुनौती भी है। मप्र में 15 साल बाद कांग्रेस को सत्ता में लौटाने में अहम भूमिका निभाने वाले अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के विधायकों का कमलनाथ मंत्रिमंडल में दबदबा दिखाई देगा। राजपूत और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मंत्रियों का कद भी लगभग अजा-जजा मंत्रियों के बराबर ही होगा। मंत्रिमंडल में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति के नवनिर्वाचित विधायकों को लिऐ जाने की संभावना है। वहीं कमलनाथ मंत्रिमंडल में एससी-एसटी जैसी संख्या में ही ओबीसी और राजपूत वर्ग के विधायकों को लिया सकता है। ब्राह्मण विधायकों में से केवल तीन ऐसे नेता हैं, जिनके अभी कमलनाथ मंत्रिमंडल में आने की चर्चा है।
बड़े नेताओं के समर्थकों को मिलेगी जगह
मंत्रिमंडल में दिग्गज नेताओं के समर्थकों को जगह दी जाएगी। मंत्रिमंडल के गठन को लेकर कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह से चर्चा कर ली है। इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के समर्थकों को भी जगह दी जाएगी।
तीन दिन के प्रवास पर छिंदवाड़ा जाएंगे मुख्यमंत्री कमलनाथ
30 दिसंबर से 1 जनवरी के बीच 3 दिन के प्रवास पर छिंदवाड़ा जाएंगे। बताया जा रहा कि वे इस दौर पर कई अहम फैसले भी ले सकते हैं। मुख्यमंत्री ने पहले ही दिन मध्यप्रदेश में निवेश बढ़ाने के संकेत दे दिए थे। इसके बाद अब कमलनाथ जनवरी माह में स्विट्जरलैंड जाने वाले हैं।
दावेदारों की बनाई सूची
मालवा-निमाड़
बाला बच्चन
उमंग सिंघार
झूमा सोलंकी
सज्जन सिंह वर्मा
तुलसी सिलावट
विजयलक्ष्मी साधौ
हुकुमसिंह कराड़ा
जीतू पटवारी
ग्वालियर-चंबल
इमरती देवी
डॉ. गोविंद सिंह
केपी सिंह
मध्य क्षेत्र
आरिफ अकील
डॉ. प्रभुराम चौधरी
एनपी प्रजापति
लक्ष्मण सिंह
जयवर्धन सिंह
पीसी शर्मा
बुंदेलखंड
बृजेंद्रसिंह राठौर
गोविंदसिंह राजपूत
विंध्य
कमलेश्वर पटेल
बिसाहूलाल सिंह
महाकौशल
दीपक सक्सेना
तरुण भनौत
संजय शर्मा