नई दिल्ली। कॉमनवेल्थ गेम्स में मिक्स्ड टीम इवेंट में भारतीय बैडमिंटन टीम की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाने वाली अश्विनी पोनप्पा रियो ओलिंपिक 2016 के बाद अपनी वापसी को आशंकित थी। अब सब कुछ अश्विनी के अनुकूल लग रहा है लेकिन दो साल पहले ऐसी स्थिति नहीं थी जब वह और ज्वाला गुट्टा रियो ओलिंपिक में एक भी मैच नहीं जीत पाई थी।
इन दोनों ने इसके साथ सात साल से चली आ रही जोड़ी तोड़ने का फैसला किया। खेलों से पहले वह डेंगू से पीड़ित थी, जिसका असर उनके प्रदर्शन पर भी पड़ा। अश्विनी ने कहा, अब प्रशंसा पाकर अच्छा लग रहा है, लेकिन यह आसान नहीं था। रियो ओलिंपिक 2016 के बाद मैं खुद को लेकर आशंकित थी। मेरे स्मैश में कोई ताकत नहीं थी। मैं पहले की तरह करारे शाट नहीं जमा पा रही थी।
उन्होंने कहा, भले ही मैं डेंगू से उबर चुकी थी और शारीरिक तौर पर मैं फिर दिख रही थी लेकिन अंदरूनी तौर पर मैं अपना सर्वश्रेष्ठ हासिल करने के लिए संघर्ष कर रही थी। इसलिए ऐसे भी मौके भी आए जब मैंने सोचा कि क्या मैं वापसी कर पाऊंगी।