नई दिल्ली। देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगतार कदम उठा रही है तथा अधिक से अधिक लोगों को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। यह कदम भी ऐसे समय पर उठाये जा रहे है जब भारत में इसकी शुरुआत हो रही है।
हाल ही में नीति आयोग ने प्रस्ताव भी रखा था कि देश में 2030 के बाद से सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन ही चलाये जाए तथा अन्य वाहनों को धीरे धीरे बंद कर दिया जाए। यह भी खबर आयी थी कि 2025 के बाद से भारत में 150cc से कम क्षमता वाले इलेक्ट्रिक वाहन बंद कर दिए जाएंगे।
इलेक्ट्रिक वाहनों की चर्चा धीरे धीरे बाजार में बढ़ती जा रही है और इसी बीच भारत की पूर्ण रूप से इलेक्ट्रिक तथा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक वाली पहली बाइक को पेश किया गया है तथा आने वाले दिनों में इसे लॉन्च भी कर दिया जाएगा।
अब सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन चार्ज को खत्म करने का प्रस्ताव पेश किया है। इसके साथ ही रिन्यूवल क लिए भी कोई चार्ज नहीं वसूलने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके लिए सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने एक अधिसूचना भी जारी किया है। मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा है कि बैटरी से चलने वाले वाहनों के पंजीयन प्रमाण पात्र जारी करने तथा उनके नवीनीकरण करने को शुल्क के दायरे के बाहर रखा जायेगा। अर्थात नए वाहन की खरीदी के समय रजिस्ट्रेशन कराने पर आपको कोई चार्ज नहीं अदा करनी पड़ेगी।
यह प्रस्ताव दो पहिया, तीन पहिया सहित सभी प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रभावी होगा। चार पहिया सहित बस आदि के लिए भी अब कोई चार्ज देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जल्द ही केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम में इसका संसोधन किया जाएगा। इसके साथ ही आने वाले दिनों में मोदी सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर सकती है।
जीएसटी कॉउंसिल इसके लिए 20 जून को नरेंद्र मोदी से भी मिल कर यह प्रस्ताव रखने वाली है। इस कदम के साथ भारत में बाहरी कंपनियों को भी इलेक्ट्रिक वाहन बेचने के लिए प्रोत्साहित करना है। कम से कम टैक्स रखकर भारतीय बाजार में विदेशी कंपनियों को इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में हिस्सेदारी को और बढ़ाना चाहती है।
भारत में लगातार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के पक्ष में कदम उठाये जा रहे है तथा सरकार इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। भारत की बड़ी कार कंपनिया भी इस क्षेत्र में आगे बढ़ रही है तथा महिंद्रा जैसी कंपनी इलेक्ट्रिक वाहन के मामलें में अग्रसर है।
वर्ष 2018-2019 में महिंद्रा के इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 2.5 गुना बढ़त दर्ज की गयी है तथा कंपनी इसे और बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। पिछले साल कंपनी ने इस क्षेत्र में आगामी तीन सालों में 1000 करोड़ रुपयें निवेश करने की घोषणा की थी।