मंदसौर। मंगलवार को देशभर में धनतेरस का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। धन कुबेर की पूजा-आराधना का भी इस दिन काफी महत्व है। मंदिर में भगवान शंकर और धन के देवता कुबेर एक साथ विराजित हैं। यह मंदिर मंदसौर जिला मुख्यालय से 5 किमी दूर स्थित ग्राम खिलचीपुरा में है। मंगलवार को धनतेरस पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ेगा।
खिलचीपुरा स्थित धोलागिरी महादेव मंदिर पर अपनी पिछली कई पुश्तों से सेवा-पूजा करते आ रहे पं. गोस्वामी ने बताया कि मंदिर का इतिहास सैकड़ों वर्षों पुराना है। एक समय में मुगल शासक अलाउद्दीन खिलजी ने हमला भी बोल दिया था, उस दौरान जीर्ण-क्षीर्ण हुई प्रतिमाओं के अवशेष आज भी मंदिर पर मिलते हैं। इसके बाद मराठा शासनकाल में इस मंदिर का जिर्णोद्धार कराया गया। मराठा पैटर्न पर बना मंदिर का गुम्बज इस बात का प्रतीक है। सनातन धर्म के शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव संन्यास और वैराग्य पसंद भगवान हैं और भगवान कुबेर को धन का देवता माना जाता है, लेकिन फिर मंदसौर के धोलागिरि महादेव मंदिर में वैराग्य के देवता शिव और धन के देवता कुबेर दोनों एक साथ विराजते हैं।
मान्यता है कि यह विश्व का इस तरह का अद्वितीय मंदिर हैं। यहां आने वाले भक्तों का ऐसा कहना है कि धनतेरस पर यहां भगवान शिव और कुबेर की एक साथ पूजा-आराधना करने के अकूत धन-धान्य और वैभव की प्राप्ति होती है। धनतेरस पर यहां सुबह से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो जाएगा। दोपहर तक मंदिर परिसर से दूर तक भक्तों की कतार लगेगी, भक्तों की भीड़ का यह आलम रात तक चलता रहेगा। इस मंदिर में दर्शन लाभ लेने के लिए देश के विभिन्न अंचलों से श्रद्धालु सालभर आते रहते हैं।