शास्त्रों के मुताबिक हिंदू धर्म में पूजा में चावल का एक महत्वपूर्ण स्थान है। लगभग हर शुभ कार्यों में चावल का इस्तेमाल किया जाता है। हिंदू धर्म में होने वाली हर पूजा में चावल का उपयोग अक्षत के रूप में किया जाता है। वहीं इसे चंद्रमा का प्रतीक भी माना जाता है। नवग्रह को बनाने में भी चावल का इस्तेमाल किया जाता है। पूजा पाठ से लेकर शादी विवाह तक हर शुभ कार्य में चावल का एक महत्वपूर्ण स्थान होता है। चावल के बिना कोई भी शुभ कार्य पूर्ण नही माना जाता है। अतः पूजा पाठ में चावल का होना अनिवार्य है।
उपरोक्त बातों से आपको यह तो पता चल ही गया कि चावल का कितना महत्व है। अब हम आपको शास्त्रों में बताए गए चावल के कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको अपनाकर आप अपने जीवन में खुशियां बटोर सकते हैं। ज्योतिषी शास्त्र में चावल से संबंधित कई ऐसे उपाय बताए गए हैं, जो आपके लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकते हैं।
- यदि आपके जीवन में अत्यधिक मेहनत करने के बाद भी धन की कमी बनी हुई है, तो इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए, सर्वप्रथम पूर्णिमा के बाद आने वाले सोमवार को आधा किलो चावल लेकर किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग के पास बैठ जाइए। अब भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा करने के पश्चात एक मुट्ठी चावल लेकर शिवलिंग पर चढ़ा दीजिए। इसके बाद जो चावल बच जाए वह किसी गरीब को दान दे दीजिए।
इस प्रक्रिया को लगातार 5 सोमवार तक दोहराते रहिये। इस उपाय को करने से शंकर भगवान प्रसन्न होगे और उनकी कृपा दृष्टि आप पर पड़ेगी। इस उपाय को करने से धन संबंधित सभी प्रकार की समस्याएं दूर होती हैं।एवं घर में धन आगमन के नए राह खुलते हैं।
- यदि आपके पास धन तो बहुत आता है, परंतु आप फिजूलखर्ची से परेशान है, तो इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आपको चाहिए कि किसी शुभ मुहूर्त के दिन जैसे- अक्षय तृतीया, दीपावली, अथवा पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद एक साफ लाल रंग का कपड़ा ले। अब इस कपड़े पर चावल के 21 दाने रखे।
इस बात का खास ख्याल रखें कि चावल के दाने टूटे हुए ना हो। इस लाल कपड़े को मां लक्ष्मी के सामने रख कर विधिवत पूजा करें। पूजा करने के पश्चात लाल कपड़े में रखे हुए चावल को बांधकर मां लक्ष्मी के चरणों में समर्पित करे। इस उपाय को करने से आप फिजूलखर्ची की समस्या से निजात पा सकते हैं। साथ ही इससे आपके घर में धन की कमी दूर होगी और आप मालामाल हो जाएंगे।