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Astrology

वास्तु के अनुसार ऐसा होना चाहिए आपका पूजा घर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 28 2019 12:19PM | Updated Date: Jun 28 2019 12:20PM
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आपको बता दें, चाहे घर छोटा हो या फिर बड़ा सभी के घरों में पूजा का स्थान होता हैं, यह ​स्थान बहुत ही खास माना जाता हैं घर में पूजा को विशेष स्थान दिया जाता हैं जब भी पूजा घर बनाने की बात होती हैं सबका ध्यान उत्तर पूर्व की दिशा की ओर ही जाता हैं जिसे हम ईशान कोण कहते हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं, कि मंदिर को उत्तर पूर्व दिशा में ही क्यों बनाया जाता हैं वही पूजा घर बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसके बारे में भी बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 
ईशान कोण में बना पूजाघर सबसे अधिक शुभ माना जाता हैं क्योंकि इस दिशा के अधिपति बृहस्पति देव हैं। उनके तत्वगत स्वभाव के अनुरुप आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार सबसे ज्यादा होता हैं नतीजतप इस दिशा में बैठकर पूजा करने से भगवान के प्रति ध्यान और समर्पण पूरी तरह से होता हैं। वही ईशान कोण में बने पूजा घर की शुभता तब और बढ़ जाती हैं, जब पूजाघर के पास इसी दिशा में एक खिड़की बनवा दी जाए। वही ईशान कोण में बनी खिड़की शुभ और चुंबकीय विकिरणों के रूप में देवताओं का प्रवेशद्वार होती हैं। 
 
वही पूजाघर में भगवान की मूर्ति स्थापित करते वक्त हमेशा दिशा का ध्यान रखना चाहिए। देवी देवताओं की मूर्ति की पीठ हमेशा ही पूर्व या फिर उत्तर दिशा में ही हों। जिससे जब आप पूजा करने बैठें तो आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर ही रहें। पूजा घर बनवाते वक्त इस बात का पूरा ख्याल रखें कि वह कभी किसी सीढ़ी के नीचे न हों। साथ ही आपका पूजा घर किसी शौचालय या फिर बाथरूम के अगल बगल नहीं बनवाना चाहिए। पूजाघर में देवी देवताओं की मूर्तियों को कभी भी दीवारों से सटाकर न रखें। मूर्तियों हमेशा मंदिर की दीवार से 2 फिट की दूरी पर रखें। साथ साथ ही खुद भी दीवार से सटकर पूजा न करें।
 
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