कहा जाता है की राम जी ने लक्ष्मण से कहा था की रावण जैसा महान पंडित कोई नहीं है और जब रावण युद्ध हारकर अपने जीवन के अंतिम पलों में थे तो उस दौरान राम जी के कहने पर लक्ष्मण जी उनके पास गए और लक्ष्मण जी ने उनसे जीवन में सफल होने का ज्ञान मांगा इसके बाद रावण ने उन्हें जीवन में सफल होने की बाते बताई।
रावण के पहले मंत्र के मुताबिक कभी भी अपने शत्रु को कभी छोटा ना समझे रावण ने कहा की मैने इस बात की भूल की और मुझे इसका परिणाम भुगतना पड़ रहा है। शुभ कार्य को करने में कभी भी देर न करे जितना जल्दी हो सके उतनी जल्दी शुभ काम कर ले और अशुभ काम को हमेशा टालने की कोशिश करे। रावण के तीसरे मंत्र के अनुसार अपनी जिंदगी के राज कभी भी किसी को नहीं बताना चाहिए रावण के मुताबिक उन्होंने अपनी मृत्यु का राज अपने भाई को बताया और इसका परिणाम आज तुम देख ही रहे हो।