रुद्राक्ष को हिन्दू शास्त्रों में बहुत ज्यादा पवित्र माना जाता है। रूद्र और अक्ष इन दो शब्दों से मिलकर रुद्राक्ष शब्द बना है। हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि शिव के आंसुओं से ही रुद्राक्ष के पेड़ की उत्पत्ति हुई थी। ऐसा कहा जाता है कि अगर रुद्राक्ष राशि के अनुसार के हिसाब से धारण किया जाए तो यह हमारे जीवन में बहुत से परिवर्तन लाता है।
मेष राशि का स्वामी मंगल होता है और मंगल साहस और वीरता का कारक है। साथ ही मंगल के प्रभाव में जातक अडियल और गुस्सैल भी बन जाता है। मेष राशि के जातकों को तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से लाभ होगा।
वृष राशि- वृषभ राशि के स्वामी शुक्र है । वृष राशी के जातकों के लिए छ: मुखी रुद्राक्ष को शुभ माना गया है ।
मिथुन राशि- आपको चार मुखी, पांच मुखी और तेरह मुखी रुद्राक्ष प्राण प्रतिष्ठित एवं सिद्ध किया हुआ धारण करना चाहिए।
कर्क राशि के स्वामी चंद्रदेव हैं। इस राशि के लिए दो मुखी रुद्राक्ष सबसे अच्छा माना जाता है।
सिंह राशि का स्वामी ग्रह सूर्य है। इस राशि के लिए एक या बारह मुखी रुद्राक्ष श्रेष्ठ होता है।
कन्या बुध ग्रह की राशि है। इस राशि के लिए चार मुखी रुद्राक्ष लाभदायक होता है।
तुला राशि: आपको सौभाग्य वृद्धि हेतु चार मुखी, छः मुखी या चैदह मुखी रुद्राक्ष प्राण प्रतिष्ठित एवं सिद्ध किया हुआ धारण करना चाहिए।
वृश्चिक राशि: सौभाग्य वृद्धि के लिए तीन मुखी, पांच मुखी या गौरी शंकर रुद्राक्ष प्राण प्रतिष्ठित एवं सिद्ध किया हुआ धारण करना चाहिए।
धनु राशि: आपको सौभाग्य वृद्धि हेतु एक मुखी, तीन मुखी अथवा पांच मुखी रुद्राक्ष प्राण प्रतिष्ठित एवं सिद्ध किया हुआ धारण करना चाहिए।
कुंभ राशि- सात और चौदह मुखी रुद्राक्ष कुंभ राशि वालों के लिए उपयोगी होते हैं।
मीन राशि- मीन राशि वाले यदि पंच मुखी रुद्राक्ष पहनते हैं तो उनकी किस्मत चमक सकती है