मानव के शरीर पर तिल का होना भी किसी न किसी बात की ओर इंगित करता है, ऐसा काफी लोगों का मानना है। इतना ही नहीं तिल किस जगह है, इसके भी अलग-अलग मतलब हैं। तिलों का सामान्य फल इस प्रकार है
ललाट पर तिल- ललाट के मध्य भाग में तिल निर्मल प्रेम की निशानी है। ललाट के दाहिने तरफ का तिल किसी विषय विशेष में निपुणता, किंतु बायीं तरफ का तिल फिजूलखर्ची का प्रतीक होता है। ललाट या माथे के तिल के संबंध में एक मत यह भी है कि दायीं ओर का तिल धन वृद्धिकारक और बायीं तरफ का तिल घोर निराशापूर्ण जीवन का सूचक होता है।
भौंहों पर तिल- यदि दोनों भौहों पर तिल हो तो जातक अकसर यात्रा करता रहता है। दाहिनी पर तिल सुखमय और बायीं पर तिल दुखमय दांपत्य जीवन का संकेत देता है।
आंख की पुतली पर तिल- दाई पुतली पर तिल हो तो व्यक्ति के विचार उच्च होते हैं। बाई पुतली पर तिल वालों के विचार कुत्सित होते हैं। पुतली पर तिल वाले लोग सामान्यत: भावुक होते हैं।
पलकों पर तिल- आंख की पलकों पर तिल हो तो जातक संवेदनशील होता है। दाईं पलक पर तिल वाले बाईं वालों की अपेक्षा अधिक संवेदनशील होते हैं।
आंख पर तिल- दाईं आंख पर तिल स्त्री से मेल होने का एवं बाईंआंख पर तिल स्त्री से अनबन होने का आभास देता है।
कान पर तिल- कान पर तिल व्यक्ति के अल्पायु होने का संकेत देता है।
नाक पर तिल- नाक पर तिल हो तो व्यक्ति प्रतिभासंपन्न और सुखी होता है। महिलाओं की नाक पर तिल उनके सौभाग्यशाली होने का सूचक है।
गाल पर तिल- गाल पर लाल तिल शुभ फल देता है। बाएं गाल पर कृष्ण वर्ण तिल व्यक्ति को निर्धन, किंतु दाएं गाल पर धनी बनाता है।
जबड़े पर तिल- जबड़े पर तिल हो तो स्वास्थ्य की अनुकूलता और प्रतिकूलता निरंतर बनी रहती है।
ठोड़ी पर तिल- जिस स्त्री की ठोड़ी पर तिल होता है, उसमें मिलनसारिता की कमी होती है।
कंधों पर तिल- दाएं कंधे पर तिल का होना दृढ़ता तथा बाएं कंधे पर तिल का होना तुनकमिजाजी का सूचक होता है।