साल 2019 का पहला चंद्र ग्रहण 21 जनवरी को ही लगने वाला है, वैज्ञानिक इसे सुपर ब्लड वूल्फ मून का नाम दे रहे हैं। इस दिन आसमान में खगोलीय घटना का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। हालांकि यह भारत में दिखाई नहीं देगा, केवल अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका और मध्य प्रशांत में दिखाई देगा। इसकी समयावधि सुबह 09:03:54 से 12:20:39 तक बजे तक रहेगी।
चंद्र ग्रहण के दौरान सूरज और चांद के बीच धरती यानी पृथ्वी आ जाती है। उस स्थिति में सूर्य एक तरफ, चंद्रमा दूसरी तरफ और पृथ्वी बीच में होती है। जब चंद्रमा धरती की छाया से निकलता है तो चंद्र ग्रहण पड़ता है, जैसे-जैसे चांद पृथ्वी के करीब पहुंचता है उसका रंग और भी चमकीला और गहरा हो जाता है और तांबे के रंग जैसे भूरा लाल दिखने लगता है। इसी अवस्था को ब्लड मून भी कहा जाता है।
चंद्र ग्रहण में चंद्रमा आम दिनों के मुकाबले 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत से अधिक चमकीला यानी चमकदार होता है। ऐसी अवस्था में चंद्रमा का रंग सुर्ख लाल (गहरा भूरा) हो जाता है। रात के अंधेरे में इसका दुर्लभ नजारा बेहद अद्भुत होता है। इसलिए इसे ब्लड मून भी कहा जाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस दौरान सूरज की रोशनी पृथ्वी से होकर चंद्रमा पर पड़ती है, इसी छाए से चांद का रंग भी ग्रहण के दौरान बदल जाता है।
भारतीय समयानुसार ये चंद्रग्रहण सुबह 10.11 बजे से शुरू होगा और तकरीबन 1 घंटा यानि 11.12 बजे तक रहेगा। सूतक 20 जनवरी की रात 9 बजे से ही शुरू हो जाएगा। चंद्र ग्रहण के बाद स्नान और दान करें। गेहूं, धान, चना, मसूर दाल, गुड़, चावल,काला कम्बल, सफेद-गुलाबी वस्त्र, चूड़ा, चीनी, चांदी-स्टील की कटोरी में खीर दान करने से लाभ होगा।