आपने देखा होगा कि आर्मी की गाडियों के नंबर प्लेट आम नंबर प्लेट के मुकाबले अलग होती है आपने कभी नही सोचा है कि इसका क्या कारण हो सकता है आपने देखा होगा कि कुछ गाडियों की नंबर प्लेट काली और कुछ गाडियों की नंबर प्लेट नीली होती है ऐसा क्यों होता है।
सफेद नंबर प्लेट
सफेद रंग की नंबर प्लेट का यूज़ सामान्य गाडियों के लिए, निजी काम के लिए होता है सफेद रंग की प्लेट पर काले रंग से कोड लिखे होते है सबसे पहले स्टेट कोड होता है जैसे - DL दिल्ली का, UK उत्तराखण्ड का, फिर उसके बाद सिटी कोर्ड और वाहन नंबर आता है।
पीली नंबर प्लेट
आपने पीली रंग की नंबर प्लेट की गाड़ी भी देखी होगी जिस पर काले रंग से कोड और नंबर लिखे होते है यह नंबर कॉमर्शियल गाड़ी के लिए होता है नंबर लिखने का पैटर्न सफेद रंग की गाड़ी की तरह होता है लेकिन इन्हें सिटी कोड के बाद एक अलग नंबर दिया जाता है इनके नंबर भी सफेद नंबर प्लेट की तरह आरटीओ से रजिस्टर होते है।
मिलिट्री नंबर प्लेट
आर्मी की गाडियों का नंबर सबसे अलग होता है इनकी गाडियों की नंबर प्लेट का कोड भी अलग होता है मिलिट्री और डिफेंस की गाडियों में शुरुआत में एक ऐरो होता है यह ऐरो ब्रिटिश शासन के जमाने से अबतक चला आ रहा है ऐरो के बाद दो डिजिट होती है जिसका मतलब होता है कि इसे किस साल में सर्विस में लिया गया इसके बाद गाड़ी का बेस कोड होता है जिससे यह पता चलता है कि गाड़ी किस बेस की है इसके बाद गाड़ी का सीरियल नंबर होता है अंत में एक कोड होता है जो गाड़ी के क्लास के लिए होता है।
काली नंबर प्लेट
आपने सड़को पर कुछ ऐसी भी गाड़िया भी देखी होगी जिनकी काले रंग की नंबर प्लेट होती है और इनपर लिखा नंबर और कोड पीले रंग का होता है ये नंबर प्लेट उन्हें रजिस्टर होती है जिन्हें आप किराए पर खुद से चलाने के लिए लेते हैं। अधिकतर होटल की रजिस्टर गाडियों का नंबर प्लेट ब्लैक होती है।
हल्के नीले रंग की नंबर प्लेट
हल्के नीले रंग की नंबर प्लेट की गाड़ी अक्सर कम देखने को मिलती है क्योंकि यह नंबर प्लेट डिप्लोमेटिक गाड़ी के लिए होता है इस कलर का नंबर पुरे दुनिया में प्रचलित है इसका मतलब है कि उस कार पर उस देश का कोई हक नही है इस पर दूसरे देश का हक है अधिकतर ये गाड़ियाँ दूतावास की होतीं हैं।